सद्दाम खान/कुसमी
जुलूस के दौरान या अली या हुसैन के नारों से गूंज उठा कुसमी..
त्याग और बलिदान के पर्व मोहर्रम को लेकर कुसमी के दो समितियों द्वारा शुक्रवार को जुलूस निकाला गया। बाजार पारा मदरसा नूरिया जियाउल कुरान केमटी व रजा यूनिटी फाउंडेश के द्वारा 2 बजे मस्जिद से सामरी रोड होते हुए, मुहर्रम जुलूस निकाला गया। व बस्ती से छोटी मस्जिद सुन्नी जामा मस्जिद जुलूस मोहर्रम चौक पहुँचा। जुलूस के दौरान या अली या हुसैन के नारों इलाका गूंज उठा।
मुहर्रम जुलूस में इस्लाम धर्मावलंबियों के साथ साथ विभिन्न धर्म के लोग भी शामिल हुए। तलवार, भाला, गड़ासा, लाठी सहित से कई करतब दिखाए।
कहा जाता है, कि हजरत इमाम हुसैन अपने परिवार के साथ कर्बला के मैदान में शहीद हाे गए थे। लेकिन बातील के आगे अपने सिर नहीं झुकाया। इस्लाम को मानने वाले लोग हजरत हुसैन के याद में जुलूस के साथ मैदान-ए-जंग का दृश्य बड़े ही आकर्षक और अनोखे अंदाज में पेश किया। सभी अखाड़ा कमेटियों का मिलन मुहर्रम चौक पर हुआ।

जुलूस के दौरान सुरक्षा व्यवस्था का व्यापक इंतजाम किए गए थे। थाना प्रभारी सुनील केरकेट्टा के साथ थाना के सभी कॉन्स्टेबल सहित अन्य पदाधिकारी शांति व्यवस्था बनाने में लगे थे।
विधि व्यवस्था को लेकर अनुविभागीय के पदाधिकारी शशिकांत दुबे ने सभी जगहों का जायजा लिया।
मौके पर लाठी खेल का प्रदर्शन किया। जुलूस के साथ समुदाय के लोगों ने सजी हुई ताजिया अखाड़ा झंडा लेकर चल रहे थे। साथ ही हैरत अंगेज खेल का प्रदर्शन कुसमी बस स्टैंड कॉपरेटिव बैंक के पास बने मंच के पास किया गया।
मंच में बाहर से आये मेहमान व कुसमी दोनों समितियों के अध्यक्ष सदर साहब लोगों का रजा फाउंडेशन कुसमी के जानिब से सादाब अंसरी संगठन मंत्री के नेतृत्व पर सभी का इस्तकबाल किया गया। सदर मकबूल, व पूर्व सदर जरीफ अंसारी, व थाना प्रभारी सुनील केरकेट्टा सहित कमेटी के सभी मेम्बर को इस्तकबाल कर सभी को पगड़ी पहनकर सह सम्मान किया गया।
कुसमी में मुहर्रम पर अखाड़ा के दौरान खेल का प्रदर्शन करते कमेटी के सदस्य।
काफ़ी संख्या में लोगों ने जमा होकर इस अवसर पर आयोजित ताजिया अखाड़ा का आनन्द लिया। त्योहार के सफल आयोजन को लेकर सुरक्षा के भी व्यापक प्रबंध किए गए थे।