कलेक्टर श्री भोस्कर ने कार्यशाला में कहा कि निर्वाचन कार्य में सेक्टर अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है।
मतदान केंद्र में होने वाली कोई भी समस्या सर्वप्रथम आपके पास आएंगी, इसके निदान की पहली भूमिका आपकी होगी।
इसलिए सारी प्रक्रियाओं को ध्यानपूर्वक ढंग से गम्भीरता के साथ समझें।
आपकी सजगता, समझ और ज्ञान से निर्वाचन कार्य अच्छा होगा।
इस दौरान प्रशिक्षण कार्यशाला में अनुपस्थित पाए गए सेक्टर अधिकारियों पर कलेक्टर ने नाराजगी जताई और नोडल अधिकारी को प्रशिक्षण में सभी की उपस्थिति सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए।
प्रशिक्षण में मुख्य प्रशिक्षक सहायक प्राध्यापक डॉ. राजकमल मिश्रा, डॉ. एस. एन पांडेय, डॉ अनिल सिन्हा, डॉ दीपक सिंह, डॉ आनन्द कुमार, डॉ संजीव लकड़ा, डॉ नीलाभ कुमार, श्री अखिलेश द्विवेदी, डॉ पीयूष पाण्डे, श्री सीके मिश्रा, श्री एस के नायर द्वारा आवश्यक जानकारी दी गई।
प्रशिक्षण में सेक्टर अधिकारियों के दायित्व, ईव्हीएम, वीवीपैट, बैलेट यूनिट की जानकारी के साथ साथ पोलिंग पार्टी व पूरी मतदान प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताया गया।
प्रशिक्षण में बताया गया कि सभी सेक्टर अधिकारियों को निर्वाचन क्षेत्र का पूर्व भ्रमण करना होगा। साथ ही निर्वाचन दिवस पर अपने सेक्टर क्षेत्र में लगातार दौरा करते हुए भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार प्रत्येक दो-दो घण्टे में संबंधित रिटर्निंग अधिकारी व नियंत्रण कक्ष में जानकारी देनी होगी।
इसके साथ ही निर्वाचन के समय सभी सेक्टर अधिकारी को निविदत्त मतपत्र, मॉकपोल, एजेण्ट की नियुक्ति, डाक मतपत्र, निर्वाचन ड्यूटी सर्टिफिकेट, पीठासीन अधिकारी की डायरी, मतपत्र लेखा भरना, वोटर पर्ची वितरण, मतदान प्रारंभ करने की प्रक्रिया, घोषणा पत्र जारी करने आदि के बारे में बताया गया।
इस दौरान सेक्टर अधिकारियों को सम्पत्ति विरूपण, आदर्श आचार संहिता, विधानसभा निर्वाचन हेतु मतदान दल रवानगी, पीठासीन अधिकारी, मतदान अधिकारी, सुरक्षा व्यवस्था, मतदान केंद्र के 100 मीटर क्षेत्र के प्रोटोकॉल, मतदान केंद्र भवन में लगने वाले पोस्टर आदि पर चर्चा कर विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया। विशेष रूप से सभी सेक्टर अधिकारियों को ईवीएम और वीवीपैट का प्रशिक्षण दिया गया।