📍सकालो, अम्बिकापुर सरगुजा | विशेष रिपोर्ट | सुरेश गाईन । सरगुजा टाइम्स
जहाँ कल का भविष्य तैयार होना चाहिए, वहाँ बच्चे सड़कों पर खड़े होकर समय बर्बाद कर रहे हैं – क्या यही है हमारे स्कूलों का अनुशासन?
सरगुजा जिले के सकालो गांव से एक चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है, जहाँ सरकारी स्कूल के दर्जनों छात्र सुबह समय से पहले स्कूल तो आ जाते हैं, लेकिन स्कूल के अंदर नहीं जाते।
इसके बजाय ये बच्चे स्कूल गेट के बाहर, दुकानों के सामने, और सड़क किनारे ‘अड्डेबाज़ी’ करते देखे जा सकते हैं।
📸 वायरल तस्वीरें दे रही हैं गवाही..


स्थानीय लोगों द्वारा ली गई तस्वीरें साफ दिखाती हैं कि बच्चे लाइन लगाकर दुकानों के सामने खड़े हैं, कुछ मोबाइल चला रहे हैं, कुछ इधर-उधर घूम रहे हैं — और ये सब स्कूल टाइम में हो रहा है!
❌ स्कूल में नहीं है बैठने की व्यवस्था? या निगरानी ही नहीं?…
बड़ा सवाल ये है कि: क्या स्कूल प्रबंधन को पता नहीं कि बच्चे समय से पहले आ रहे है
क्या स्कूल परिसर में बैठने की कोई व्यवस्था नहीं है?
कहाँ हैं ड्यूटी टीचर्स, गेट गार्ड और अनुशासन प्रभारी?
अगर स्कूल के बाहर कोई घटना हो जाए — तो कौन ज़िम्मेदार होगा?
Principal का जवाब बना विवाद का कारण!.…..
जब एक जागरूक अभिभावक ने इस मुद्दे को स्कूल ग्रुप में उठाया, तो प्राचार्य महोदय ने जवाब में कहा:
आप गार्डियन हैं, तो आप खुद बच्चों से बात क्यों नहीं करते? दुकानों को हटाने के लिए ग्रामीण प्रतिनिधियों से मिलिए.
😳 क्या अब अनुशासन बनाए रखने की ज़िम्मेदारी आम नागरिकों पर है? क्या शिक्षक और प्रधानाचार्य अब सिर्फ तनख्वाह लेने आए हैं?
बच्चों के भविष्य से खिलवाड़!….

अगर छात्र स्कूल टाइम में बाहर रहेंगे, असामाजिक दुकानों पर खड़े होंगे, तो पढ़ाई तो दूर — सुरक्षा पर भी बड़ा सवाल है।
क्या अगर कोई हादसा हो जाए, तो प्रशासन जवाब देगा?
शिक्षा विभाग क्या केवल रिपोर्ट में नंबर बढ़ाने तक सीमित रह गया है?
🛑 प्रशासनिक चुप्पी क्यों? अब तो जागिए!
👉 शिक्षा विभाग, BEO, DEO, जनपद सीईओ, कलेक्टर, सरगुजा —
अब आँख खोलिए!
यह बच्चों का भविष्य है, कोई मज़ाक नहीं।
📢 मांगे जो अब जनता उठा रही है:
- स्कूल में समय से पहले आने वाले छात्रों के लिए अंदर बैठने की व्यवस्था।
- स्कूल गेट पर ड्यूटी टीचर या सुरक्षा गार्ड की तैनाती।
- लंच टाइम में बाहर घूमने पर सख़्त अनुशासनात्मक कार्रवाई।
- स्कूल के आसपास असामाजिक दुकानों की जांच और हटाने की कार्रवाई।
- पूरे स्कूल स्टाफ की डिसिप्लिन रिपोर्ट मांगी जाए।

📣 “अगर अब भी शासन-प्रशासन नहीं जागा, तो आने वाली पीढ़ी को सड़क से उठाना पड़ेगा!”