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रजिस्ट्री एवं नामांतरण के लिए नागरिकों को नहीं पड़ेगा भटकना, सुगमता से पूरी होगी प्रकिया- उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा …..

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SURESH GAIN
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"Designation'' .Chief Editor & .District reporter .From-Ambikapur Surguja C.G.497001 .Whatsapp & Call Mo.070002-54103
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अम्बिकापुर 09 मई 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने सुशासन तिहार में 10 क्रांतिकारी नवाचारों का तोहफा प्रदेशवासियों को दिया है। इसी कड़ी में शुक्रवार को जिला पंचायत सभाकक्ष में छत्तीसगढ़ शासन के उपमुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री श्री विजय शर्मा तथा छत्तीसगढ़ शासन के वित्त मंत्री श्री ओ. पी. चौधरी के मुख्य आतिथ्य में जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, अंबिकापुर विधायक श्री राजेश अग्रवाल, लुण्ड्रा विधायक श्री प्रबोध मिंज, सीतापुर विधायक श्री रामकुमार टोप्पो, सामरी विधायक श्रीमती उद्धेश्वरी पैकरा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती निरूपा सिंह, नगर पालिक निगम अम्बिकापुर महापौर श्रीमती मंजूषा भगत, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मण्डल अध्यक्ष श्री अनुराग सिंहदेव, आयुक्त आवास एवं मनरेगा श्री तारण प्रकाश सिन्हा, कलेक्टर श्री विलास भोसकर, जिला पंचायत सीईओ श्री विनय कुमार अग्रवाल, अपर कलेक्टर श्री सुनील नायक,नगर निगम कमिश्नर श्री डी एन कश्यप, स्थानीय जनप्रतिनिधि, अधिकारी-कर्मचारी सहित मीडिया के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

कार्यशाला में उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कहा कि राज्य शासन द्वारा रजिस्ट्री प्रणाली में सुधार और नवाचार की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। इस डिजिटल परिवर्तन से आम जनता को सबसे अधिक लाभ होगा। उन्होंने कि अब रजिस्ट्री के बाद नामांतरण के लिए नागरिकों को भटकना नहीं पड़ेगा, यह प्रक्रिया स्वतः और सुगमता से पूरी होगी।परंपरागत व्यवस्था में रजिस्ट्री तो हो जाती थी, लेकिन नामांतरण की प्रक्रिया के लिए लोग महीनों और वर्षों तक परेशान होते थे। तहसील कार्यालयों के चक्कर लगाते थे, साक्ष्य और दस्तावेजों के अभाव में व्यक्ति न्यायालय और पुलिस के बीच फंसा रहता था।

अब एकीकृत और पारदर्शी व्यवस्था के तहत यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि जैसे ही रजिस्ट्री हो, नामांतरण की प्रक्रिया भी तुरंत शुरू हो जाए। इससे न्यायालयों में लंबित मामलों की संख्या भी घटेगी और जनता को त्वरित न्याय मिलेगा। उन्होंने बताया कि शासन द्वारा बनाए गए डिजिटल डाटाबेस को पूरी तरह सुरक्षित रखा जाएगा और यह डाटा केवल सरकारी स्वामित्व में रहेगा। इस प्रणाली से फर्जीवाड़ा, भ्रष्टाचार और दलालों की भूमिका समाप्त होगी। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि एक समय था जब व्यक्ति रजिस्ट्री कराकर भी वर्षों तक नामांतरण नहीं करवा पाता था। लेकिन अब तकनीक और राजनीतिक इच्छाशक्ति के समन्वय से यह संभव हो पाया है।उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में शासन ने पंजीयन विभाग के माध्यम से व्यापक सुधार लाए गए हैं, जिनका प्रत्यक्ष लाभ ग्रामीणों, किसानों और आम नागरिकों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि क्या कार्य होगा यह निर्धारित करना शासन का कार्य है, परंतु कार्य कैसे होगा यह प्रशासन की जिम्मेदारी है।

आप अपने कर्तव्यों का पालन कर आमजनों को इसका लाभ दिलाएं।कार्यशाला में सभी को सम्बोधित करते हुए वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने कहा कि केन्द्र में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में सरकार चल रही है, जो पूरी तरह से गर्वनेंस को समर्पित सरकार है, शासन द्वारा गर्वनेंस स्थापित करने पर फोकस किया जा रहा है। उसी से प्रेरणा लेकर हमारे मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में सरकार पूरी तरह समर्पित होकर सुशासन स्थापित करने, भ्रष्टाचार के मौके कम करने और लोगों को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं प्रदान करने के लिए समर्पित होकर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि आप सब लोग जानते हैं कि पंजीयन का काम जीवन में महत्वपूर्ण होता है।

रजिस्ट्री की जटिल प्रक्रिया के वजह से पंजीयन के समय दिक्कतों और परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है। रजिस्ट्री प्रक्रिया को सरल और आसान बनाने के लिए सुगम ऐप लॉन्च किया गया, जिसके माध्यम से जमीन का अक्षांश देशांतर की स्थिति और भूमि की वास्तविक अवस्थिति दर्ज हो जाती है। रजिस्ट्री अधिनिमय 1908 का बनाया गया था तथा इसका विषयवस्तु वर्तमान समय की जरूरतों से मेल नही खाता था जैसे कि गोदनामा विलेख पंजीयन प्रावधान में केवल पुत्र शब्द था क्योकि उस समय पुत्री के गोद लेने का प्रचलन नही था। हमने रजिस्ट्री नियम का व्यापक अध्ययन कर इसके प्रावधानों को वर्तमान के जरूरतों के अनुरूप अनूकूलन बनाया। रजिस्ट्री प्रक्रिया में टेक्नॉलाजी का अधिक से अधिक समावेश करते हुए और मानवीय हस्तक्षेप को सीमित करते हुए ये 10 नये क्रांतियुक्त नवाचार विकसित किये गये हैं।उन्होंने कहा कि सरकार ने पंजीयन विभाग में अनेक सुधार किये हैं। अब आमजनता को काम के लिए बार-बार कार्यालयों के चक्कर लगाने की जरूरत नही पड़ेगी। पारिवारिक दान, हक त्याग और बंटवारे पर पंजीयन शुल्क केवल 5 सौ रुपए कर दिया गया है। डिजिटल गवर्नेस को बढ़ावा देते हुए सुगम एप के माध्यम से 2 लाख से अधिक संपत्तियों की जियो टैगिंग सुनिश्चित की गई है। इससे संपत्ति की पहचान और सुरक्षा सुनिश्चित हुई है।

गाइडलाइन मूल्य से अधिक विक्रय पर पंजीयन शुल्क माफ कर मध्यम वर्ग को राहत प्रदान की गई है। विभागीय सेटअप बढ़ाया गया है। डिजिटल गवर्नेंस का बेहतरीन उदाहरण इन 10 क्रांतिकारी पहल में है जो पंजीयन विभाग के माध्यम से किए गए हैं। उन्होंने राजस्व विभाग के अधिकारियों को कहा कि इसको आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी आप सभी की है, आप सब मिलकर इस नवाचार की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएं। यह केवल पंजीयन विभाग ही काम नहीं है, यह जनता के लिए समर्पित कार्य है। इसे सकारात्मक तरीके से प्राथमिकता के साथ जिले में लागू करें। यह शासन की प्राथमिकता का कार्य है, जनता से सम्बंधित कार्य है। आपसी समन्वय से गम्भीरता के साथ कार्य करके इसे सफल बनाना है।कार्यशाला में 10 नये क्रांतिकारी परिवर्तनों के विषय में विस्तार से बताया गया तथा 10 सुधारों का वीडियो प्रस्तुतीकरण किया गया।1- आधार आधारित प्रमाणीकरण सुविधा – पंजीयन साफ्टवेयर को आधार लिंक किया गया है, पंजीयन के समय क्रेता-विक्रेता एवं गवाहों की पहचान आधार रिकार्ड के माध्यम से की जाएगी जिससे गलत व्यक्ति को खड़े कराकर पंजीयन नही हो सकेगा। आम जनता को फर्जीवाडे का शिकार नही होना पड़ेगा।2- ऑनलाईन सर्च एवं डाउनलोड की सुविधा – आम आदमी वर्षों की जमा पूंजी लगाकर स्वयं का घर खरीदते है, इसलिए संपत्ती खरीदने से पहले पूरी जांच पड़ताल आवश्यक है। अभी रजिस्ट्री की जानकारी के लिए पंजीयन कार्यालय में स्वयं या वकील के माध्यम से उपस्थित होकर सर्च करना पड़ता है, ऑनलाईन सर्च का प्रावधान होने से खसरा नंबर डालते ही उस खसरे के पूर्व के समस्त लेनदेन की जानकारी एक क्लिक पर प्राप्त हो सकेगी।3- भारमुक्त प्रमाण पत्र की सुविधा – भार मुक्त प्रमाण पत्र एक बहुत ही आवश्यक प्रमाणपत्र है जो संपत्ति खरीदने के पूर्व उसकी जानकारी उपलब्ध कराता है। यह प्रमाणपत्र अब आनलाइन ही प्रदाय किया जा सकेगा।4- एकीकृत कैशलेस भुगतान की सुविधा- पहले रजिस्ट्री कराने के लिए स्टाम्प शुल्क और पंजीयन शुल्क का अलग अलग जगह और समय पर भुगतान करना पड़ता था। अब स्टाम्प एवं पंजीयन शुल्क को एक साथ लिये जाने के लिए एकीकृत कैशलस सिस्टम तैयार किया गया है।

स्टाम्प एवं पंजीयन शुल्क का एकसाथ सुविधानुसार क्रेडिट डेबिट कार्ड, पी०ओ०एस० मशीन, नेट बैंकिंग अथवा यू०पी०आई से फीस का भुगतान हो सकेगा।5- व्हाट्सएप मैसेज सर्विसेज – व्हाट्सएप आज के समय में सर्वाधिक उपयोग हो रहा सोशल मीडिया प्लेटफार्म है। पंजीयन कराने वाले क्रेता-विक्रेता को अपाईन्टमेंट सहित पंजीयन होने तक सभी प्रकार के अपडेट एवं एलर्ट व्हाट्सएप में ही प्राप्त होंगे। रजिस्ट्री की प्रति भी व्हाट्सएप से ही डाउनलोड हो जायेगी। इस सुविधा के माध्यम से फीडबैक एवं शिकायतें भी व्हाट्सएप के माध्यम से की जा सकेंगी।6- डिजीलॉकर की सुविधा – रजिस्ट्री दस्तावेजों को डिजिलॉकर में सुरक्षित स्टोर किया जाएगा, ताकि आवश्यकता पड़ने पर पक्षकार को आसानी से डिजीटल प्रमाणित दस्तावेज उपलब्ध हो जाए।7- आटो डीड जनरेशन की सुविधा – जनता की सुविधा के लिए रजिस्ट्री को पेपर लेस बनाया गया है। ऑनलाईन दस्तावेज प्रारूप का चयन कर पक्षकार और संपत्ति विवरण दर्ज करने पर स्वतः ही दस्तावेज तैयार हो जाएगा। वही दस्तावेज पेपरलेस होकर उप पंजीयक को ऑनलाइन प्रस्तुत होगा।8- डिजीडॉक्यूमेंट की सुविधा – कुछ दस्तावेज जिसमें स्टाम्प लगाना आवश्यक है, परन्तु पंजीयन अनिवार्य नहीं है जैसे कि शपथ पत्र, अनुबंध पत्र ।इनका प्रारूप ऑनलाईन डिजीडॉक्यूमेंट से तैयार कर स्टाम्प शुल्क भी डिजिटल रूप से चुकाया जा सकेगा। दस्तावेज तैयार करने और स्टाम्प के लिए अलग-अलग जगह जाने की आवश्यकता नहीं है।9- घर बैठे रजिस्ट्री की सुविधा – जनता की सुविधा के लिए रजिस्ट्री को पेपरलेस किया गया है। दस्तावेज का प्रारूप चयन करने से ऑनलाईन दस्तावेज तैयार हो जाएगा स्टाम्प और पंजीयन फीस ऑनलाईन चुकाकर पक्षकार पंजीयन के लिए अपाइन्टमेंट लेकर घर बैठे ही आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से पंजीयन करा सकेंगे। रजिस्ट्री पूर्ण होते ही दस्तावेज स्वतः ही ऑनलाइन प्राप्त हो जाएगा।10- स्वतः नामांतरण की सुविधा इत्यादि – अचल संपत्ति खरीदने के लिए पंजीयन कराया जाता है। उसके बाद उसे राजस्व रिकार्ड में अद्यतन कराना पड़ता हैं, नामांतरण की इस प्रक्रिया में महीने लग जाते थे, इस बीच वही संपत्ति अन्य को बेच दिये जाने पर पीड़ित पक्षकारों को न्याय के लिए वर्षों इंतजार करना पड़ता है। अब पंजीयन के तुरंत बाद ही स्वतः नामांतरण होने से न केवल समय की बचत होगी बल्कि आम जनता को फर्जीवाडे का शिकार भी नही होना पड़ेगा। अंत में महानिरीक्षक पंजीयन के द्वारा धन्यवाद ज्ञापन कर कार्यक्रम का समापन किया गया ।

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