हाँ, भारत सरकार नेपाल से आए नागरिकों पर कार्रवाई कर सकती है — यदि वे:
➤ 1. कानून का उल्लंघन करें, जैसे:
चोरी, हत्या, बलात्कार, या अन्य आपराधिक गतिविधियां
नकली दस्तावेज़ बनवाना
नक्सली या आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होना
बिना वैध दस्तावेज़ के सरकारी नौकरी, वोट डालना, या राशन लेना
➤ 2. भारत की सुरक्षा या आंतरिक व्यवस्था के लिए खतरा बनें:
तब उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) या विदेशी नागरिक अधिनियम (Foreigners Act) जैसी धाराएं लगाई जा सकती हैं।
➤ 3. 1950 की संधि का दुरुपयोग करें:
यदि कोई नेपाली नागरिक उस छूट का गलत उपयोग करता है जो भारत ने दी है (जैसे फर्जी दस्तावेज़ बनवाकर नागरिकता या सरकारी सुविधाएं लेना), तो उस पर भी कार्रवाई हो सकती है।
✅ भारत क्या-क्या कार्रवाई कर सकता है?
कार्रवाई विवरण
🇮🇳 गिरफ्तारी अपराध सिद्ध होने पर IPC के तहत गिरफ्तारी संभव
❌ देश निकाला (Deportation) गंभीर मामलों में नेपाल वापस भेजा जा सकता है
🚫 एंट्री बैन भविष्य में भारत आने पर रोक लगाई जा सकती है
🧾 जांच और वेरिफिकेशन संदिग्ध नेपाली नागरिकों के दस्तावेज़ों की जांच
❓तो फिर नेपालियों पर रोक क्यों नहीं लगाई जाती?
1950 की India-Nepal Treaty को संशोधित या रद्द करना इतना आसान नहीं है क्योंकि:
यह एक आंतरिक-राजनयिक मुद्दा है।
नेपाल से भारत के संबंध ऐतिहासिक और संवेदनशील हैं।
हजारों नेपाली सेना में काम कर रहे हैं (गोरखा रेजिमेंट)।
🗣 यदि आपको लगता है कि किसी क्षेत्र में नेपाली नागरिक नियम तोड़ रहे हैं:
आप ये कर सकते हैं:
- स्थानीय पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करें
- जिला प्रशासन को ज्ञापन दें
- RTI या जनहित याचिका (PIL) डाल सकते हैं
- Home Ministry को शिकायत भेज सकते हैं





























