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फर्जी संस्थान का खुलासा

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MAHENDRA SINGH LAHARIYA
MAHENDRA SINGH LAHARIYAhttp://surgujatimes.in
“Designation” .Tehsil Reporter .From-GOPALPURA MORENA, MP-476001 .Whatsapp & Call +919039978991
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ग्रामीण मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान पर उठे गंभीर सवाल

🚨 फर्जी संस्थान का खुलासा

ग्रामीण मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान पर उठे गंभीर सवाल

मुरैना (संवाददाता: महेन्द्र सिंह लहरिया)
शिक्षा के नाम पर धोखाधड़ी का खेल अब मुरैना तक पहुंच चुका है। ग्रामीण मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (Grameen Mukt Vidhyalayi Shiksha Sansthan) नामक संस्था भोले-भाले विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को गुमराह कर रही है। 10वीं और 12वीं के छात्रों से फॉर्म भरवाकर उन्हें फर्जी मार्कशीट थमाई जा रही है।


❌ धोखे का तरीका

  • फर्जी संस्था दावा करती है कि वह COBSE से मान्यता प्राप्त है।
  • छात्रों को भ्रमित करने के लिए www.cobse.in नामक फर्जी वेबसाइट का हवाला दिया जाता है।
  • सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बड़े स्तर पर इसका प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
  • मोबाइल नंबर +91 93020 38653 से संपर्क कर छात्रों को झांसा दिया जाता है।

✅ असली COBSE क्या है?

  • आधिकारिक वेबसाइट: cobse.org.in
  • पूरा नाम: Council of Boards of School Education in India (भारतीय विद्यालय शिक्षा बोर्ड परिषद)
  • यह एक गैर-लाभकारी एवं स्वायत्त संगठन है।
  • COBSE डिग्री या सर्टिफिकेट जारी नहीं करता, बल्कि शिक्षा बोर्डों की गुणवत्ता सुधार और सहयोग के लिए कार्य करता है।

मुख्य कार्य:
📘 गुणवत्तापूर्ण पाठ्यक्रम (NCERT आधारित)
🤝 शिक्षा मंत्रालय और राज्यों के साथ सहयोग
🎓 शिक्षा बोर्डों का स्वैच्छिक संघ
👩‍🎓 छात्रों के हितों की रक्षा और कौशल विकास


🏫 मान्यता प्राप्त बोर्ड कैसे पहचानें?

👉 COBSE की सूची (Member Boards) में शामिल बोर्ड ही वैध हैं।
👉 सूची से बाहर का कोई भी बोर्ड यदि 10वीं-12वीं की मार्कशीट जारी करता है तो वह फर्जी है
👉 छात्रों और अभिभावकों को हमेशा प्रवेश लेने से पहले COBSE की आधिकारिक वेबसाइट पर बोर्ड का नाम अवश्य जांचना चाहिए


⚠️ छात्रों के भविष्य से खिलवाड़

इस तरह की फर्जी संस्थाओं के जाल में फंसकर हजारों विद्यार्थी अपना भविष्य अंधकार में डाल रहे हैं। सबसे ज्यादा नुकसान गरीब और ग्रामीण इलाकों के छात्रों को उठाना पड़ता है, जिनके माता-पिता मेहनत की कमाई से बच्चों की पढ़ाई करवाते हैं।


📢 प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग

पत्रकार महेन्द्र सिंह लहरिया ने जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग से मांग की है कि –

  • इस तरह की संस्थाओं की तुरंत जांच कराई जाए
  • दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
  • छात्रों व अभिभावकों को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए

🚨 फर्जी संस्थान का खुलासा

ग्रामीण मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान पर उठे गंभीर सवाल

मुरैना (संवाददाता: महेन्द्र सिंह लहरिया)
शिक्षा के नाम पर धोखाधड़ी का खेल अब मुरैना तक पहुंच चुका है। ग्रामीण मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (Grameen Mukt Vidhyalayi Shiksha Sansthan) नामक संस्था भोले-भाले विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को गुमराह कर रही है। 10वीं और 12वीं के छात्रों से फॉर्म भरवाकर उन्हें फर्जी मार्कशीट थमाई जा रही है।


धोखे का तरीका

  • फर्जी संस्था दावा करती है कि वह COBSE से मान्यता प्राप्त है।
  • छात्रों को भ्रमित करने के लिए www.cobse.in नामक फर्जी वेबसाइट का हवाला दिया जाता है।
  • सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बड़े स्तर पर इसका प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
  • मोबाइल नंबर +91 93020 38653 से संपर्क कर छात्रों को झांसा दिया जाता है।

असली COBSE क्या है?

  • आधिकारिक वेबसाइट: cobse.org.in
  • पूरा नाम: Council of Boards of School Education in India (भारतीय विद्यालय शिक्षा बोर्ड परिषद)
  • यह एक गैर-लाभकारी एवं स्वायत्त संगठन है।
  • COBSE डिग्री या सर्टिफिकेट जारी नहीं करता, बल्कि शिक्षा बोर्डों की गुणवत्ता सुधार और सहयोग के लिए कार्य करता है।

मुख्य कार्य:
📘 गुणवत्तापूर्ण पाठ्यक्रम (NCERT आधारित)
🤝 शिक्षा मंत्रालय और राज्यों के साथ सहयोग
🎓 शिक्षा बोर्डों का स्वैच्छिक संघ
👩‍🎓 छात्रों के हितों की रक्षा और कौशल विकास


🏫 मान्यता प्राप्त बोर्ड कैसे पहचानें?

👉 COBSE की सूची (Member Boards) में शामिल बोर्ड ही वैध हैं।
👉 सूची से बाहर का कोई भी बोर्ड यदि 10वीं-12वीं की मार्कशीट जारी करता है तो वह फर्जी है
👉 छात्रों और अभिभावकों को हमेशा प्रवेश लेने से पहले COBSE की आधिकारिक वेबसाइट पर बोर्ड का नाम अवश्य जांचना चाहिए


⚠️ छात्रों के भविष्य से खिलवाड़

इस तरह की फर्जी संस्थाओं के जाल में फंसकर हजारों विद्यार्थी अपना भविष्य अंधकार में डाल रहे हैं। सबसे ज्यादा नुकसान गरीब और ग्रामीण इलाकों के छात्रों को उठाना पड़ता है, जिनके माता-पिता मेहनत की कमाई से बच्चों की पढ़ाई करवाते हैं।


📢 प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग

पत्रकार महेन्द्र सिंह लहरिया ने जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग से मांग की है कि –

  • इस तरह की संस्थाओं की तुरंत जांच कराई जाए
  • दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
  • छात्रों व अभिभावकों को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए

🔔 जनसंदेश

शिक्षा सबसे बड़ा निवेश है। गलत संस्था में दाखिला आपके बच्चों के भविष्य को बर्बाद कर सकता है। इसलिए हमेशा मान्यता प्राप्त बोर्ड में ही प्रवेश लें।

✍️ विशेष रिपोर्ट: महेन्द्र सिंह लहरिया, मुरैना (म.प्र.)

🚨 फर्जी संस्थान का खुलासा

ग्रामीण मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान पर उठे गंभीर सवाल

मुरैना (संवाददाता: महेन्द्र सिंह लहरिया)
शिक्षा के नाम पर धोखाधड़ी का खेल अब मुरैना तक पहुंच चुका है। ग्रामीण मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (Grameen Mukt Vidhyalayi Shiksha Sansthan) नामक संस्था भोले-भाले विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को गुमराह कर रही है। 10वीं और 12वीं के छात्रों से फॉर्म भरवाकर उन्हें फर्जी मार्कशीट थमाई जा रही है।


धोखे का तरीका

  • फर्जी संस्था दावा करती है कि वह COBSE से मान्यता प्राप्त है।
  • छात्रों को भ्रमित करने के लिए www.cobse.in नामक फर्जी वेबसाइट का हवाला दिया जाता है।
  • सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बड़े स्तर पर इसका प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
  • मोबाइल नंबर +91 93020 38653 से संपर्क कर छात्रों को झांसा दिया जाता है।

असली COBSE क्या है?

  • आधिकारिक वेबसाइट: cobse.org.in
  • पूरा नाम: Council of Boards of School Education in India (भारतीय विद्यालय शिक्षा बोर्ड परिषद)
  • यह एक गैर-लाभकारी एवं स्वायत्त संगठन है।
  • COBSE डिग्री या सर्टिफिकेट जारी नहीं करता, बल्कि शिक्षा बोर्डों की गुणवत्ता सुधार और सहयोग के लिए कार्य करता है।

मुख्य कार्य:
📘 गुणवत्तापूर्ण पाठ्यक्रम (NCERT आधारित)
🤝 शिक्षा मंत्रालय और राज्यों के साथ सहयोग
🎓 शिक्षा बोर्डों का स्वैच्छिक संघ
👩‍🎓 छात्रों के हितों की रक्षा और कौशल विकास


🏫 मान्यता प्राप्त बोर्ड कैसे पहचानें?

👉 COBSE की सूची (Member Boards) में शामिल बोर्ड ही वैध हैं।
👉 सूची से बाहर का कोई भी बोर्ड यदि 10वीं-12वीं की मार्कशीट जारी करता है तो वह फर्जी है
👉 छात्रों और अभिभावकों को हमेशा प्रवेश लेने से पहले COBSE की आधिकारिक वेबसाइट पर बोर्ड का नाम अवश्य जांचना चाहिए


⚠️ छात्रों के भविष्य से खिलवाड़

इस तरह की फर्जी संस्थाओं के जाल में फंसकर हजारों विद्यार्थी अपना भविष्य अंधकार में डाल रहे हैं। सबसे ज्यादा नुकसान गरीब और ग्रामीण इलाकों के छात्रों को उठाना पड़ता है, जिनके माता-पिता मेहनत की कमाई से बच्चों की पढ़ाई करवाते हैं।


📢 प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग

पत्रकार महेन्द्र सिंह लहरिया ने जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग से मांग की है कि –

  • इस तरह की संस्थाओं की तुरंत जांच कराई जाए
  • दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
  • छात्रों व अभिभावकों को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए

🔔 जनसंदेश

शिक्षा सबसे बड़ा निवेश है। गलत संस्था में दाखिला आपके बच्चों के भविष्य को बर्बाद कर सकता है। इसलिए हमेशा मान्यता प्राप्त बोर्ड में ही प्रवेश लें।

✍️ विशेष रिपोर्ट: महेन्द्र सिंह लहरिया, मुरैना (म.प्र.)

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