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मुरैना विद्युत विभाग में थर्ड पार्टी कर्मचारियों का धरना — पांच महीने से नहीं मिला पेट्रोल भत्ता, वेतन में भी देरी, स्टेट हेड राजेश बोले — दो दिन में होगी सुनवाई

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MAHENDRA SINGH LAHARIYA
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मुरैना विद्युत विभाग में थर्ड पार्टी कर्मचारियों का धरना — पांच महीने से नहीं मिला पेट्रोल भत्ता, वेतन में भी देरी, स्टेट हेड राजेश बोले — दो दिन में होगी सुनवाई
मुरैना, 6 अक्टूबर 2025।
मुरैना विद्युत विभाग में कार्यरत थर्ड पार्टी पैरोल के कर्मचारियों का सब्र आज टूट गया। Esyasoft कंपनी के अधीन कार्य करने वाले करीब 25 कर्मचारियों ने सोमवार को बिजलीघर मुरैना परिसर में धरना देकर कंपनी प्रशासन और ठेकेदार के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।
कर्मचारियों का आरोप है कि पिछले पाँच महीनों से उन्हें पेट्रोल भत्ता नहीं दिया जा रहा है, जबकि वे रोज़ाना साइट तक अपने निजी खर्चे से यात्रा करते हैं। इसके अलावा वेतन भी समय पर नहीं दिया जा रहा, जिससे उनके घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है।
🔹 कर्मचारियों की शिकायतें
कर्मचारियों के अनुसार, वे Esyasoft कंपनी के अधीन कार्यरत हैं, और उनकी थर्ड पार्टी एजेंसी टीमलीज प्राइवेट लिमिटेड (TeamLease Pvt. Ltd.) है। टीमलीज केवल वेतन जारी करती है, जबकि फ्यूल और अन्य भत्तों की जिम्मेदारी Esyasoft कंपनी की है।
धरने में शामिल कर्मचारियों ने बताया कि वे लगातार साइट इंचार्ज तौसीफ अहमद, सुपरवाइजर शैलेंद्र सिंह राठौड़, और साइट इंचार्ज रंजीत यादव से लेकर जिला हेड और स्टेट हेड तक सभी अधिकारियों से संपर्क कर चुके हैं, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिला है।
एक कर्मचारी ने बताया —
“हम हर रोज़ अपनी बाइक से 20–30 किलोमीटर तक का सफर तय करते हैं। पेट्रोल के पैसे जेब से देने पड़ते हैं। कंपनी ने पांच महीने से एक रुपया तक रिफंड नहीं किया। ऊपर से सैलरी भी टाइम से नहीं मिलती।”
दूसरे कर्मचारी ने कहा —
“हमने सभी अधिकारियों से बात की, लेकिन हर कोई कहता है कि मामला ऊपर तक गया है। आखिर ऊपर कौन है जो सुनवाई नहीं कर रहा?”
🔹 अधिकारियों की स्थिति
धरने की जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंचे स्टेट हेड राजेश ने कर्मचारियों से बातचीत की और उन्हें शांत करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा —
“हमें दो दिन का वक्त दीजिए। दो दिन के भीतर हम पूरी कोशिश करेंगे कि आपकी समस्याओं की सुनवाई हो और समाधान निकले।”
हालांकि कर्मचारियों का कहना है कि पहले भी कई बार ऐसे आश्वासन दिए गए, लेकिन अब तक कोई लिखित या आधिकारिक समाधान नहीं मिला है।
🔹 कार्य की स्थिति और दिक्कतें
धरने में शामिल कर्मचारियों ने बताया कि वे स्मार्ट मीटर इंस्टॉलेशन का कार्य कर रहे हैं। यह काम तकनीकी और फील्ड आधारित होने के कारण लगातार साइट विज़िट और लंबी दूरी के सफर की मांग करता है।
उन्होंने बताया कि न तो कंपनी सरकारी छुट्टियाँ देती है, और न ही ओवरटाइम या यात्रा भत्ता। इससे कर्मचारियों में नाराज़गी बढ़ती जा रही है।
एक अन्य कर्मचारी ने कहा —
“कंपनी हमसे पूरे दिन काम करवाती है, लेकिन छुट्टी या इंसेंटिव की बात आती है तो कोई जवाब नहीं देता। हमें मजदूर की तरह ट्रीट किया जा रहा है।”
🔹 धरने का माहौल
सुबह से ही कर्मचारी बिजलीघर मुरैना परिसर में तख्तियां और बैनर लेकर बैठे रहे। उन्होंने कंपनी प्रशासन के खिलाफ नारे लगाए — “हमारा हक़ दो”, “फ्यूल भत्ता जारी करो”, “मेहनत का पैसा दो”।
धरना शांतिपूर्ण रहा, लेकिन कर्मचारियों ने साफ कहा कि अगर दो दिन के भीतर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो वे काम बंद करने और बड़े आंदोलन की ओर बढ़ेंगे।
🔹 जिला प्रशासन और विभाग की चुप्पी
धरना स्थल पर विद्युत विभाग के स्थानीय अधिकारी भी मौजूद थे, लेकिन किसी ने कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया। विभागीय सूत्रों के अनुसार, मामला कॉन्ट्रैक्ट बेस और थर्ड पार्टी मैनेजमेंट से जुड़ा होने के कारण सीधे तौर पर विद्युत विभाग हस्तक्षेप नहीं कर सकता, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर चर्चा की जा सकती है।
🔹 कर्मचारियों की चेतावनी
कर्मचारियों ने कहा कि अगर अगले दो दिनों में कोई स्पष्ट जवाब या भुगतान नहीं हुआ, तो वे राज्य स्तर पर प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इस बीच किसी भी कर्मचारी को काम से निकाला गया या दबाव बनाया गया, तो वे श्रम विभाग और जिला प्रशासन में शिकायत दर्ज कराएँगे।
🔹 निष्कर्ष
मुरैना विद्युत विभाग में Esyasoft और टीमलीज के बीच तालमेल की कमी अब कर्मचारियों के लिए गंभीर समस्या बन चुकी है। लगातार देरी और अस्पष्ट जवाबों से कर्मचारियों का विश्वास डगमगाने लगा है। अब देखना यह होगा कि स्टेट हेड राजेश द्वारा दिए गए दो दिन के वादे के बाद कर्मचारियों की उम्मीदें पूरी होती हैं या यह आंदोलन और बड़ा रूप लेता है।
रिपोर्टर: महेंद्र सिंह लहरिया
(मुरैना संवाददाता)

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