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CM News : पत्रकार सुरक्षा कानून को लेकर सीएम विष्णुदेव साय ने किया ऐलान, कहा- जल्द करेंगे लागू……
छत्तीसगढ़ : CM News : पत्रकार सुरक्षा कानून को लेकर सीएम विष्णुदेव साय ने किया ऐलान, कहा- जल्द करेंगे लागू…… CG में पत्रकार सुरक्षा कानून को लेकर एक बार फिर चर्चा तेज हो गई है। बस्तर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की निर्मम हत्या के बाद राज्य में इस कानून की मांग ने जोर पकड़ लिया है। हालांकि, कैबिनेट से मंजूरी और विधानसभा से विधेयक पास होने के बावजूद यह कानून अभी तक राजभवन में लंबित है।
इस बीच मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने गरियाबंद में घोषणा की है कि पत्रकार सुरक्षा कानून को जल्द लागू किया जाएगा। उन्होंने बीजापुर मामले का उदाहरण देते हुए कहा कि उनकी सरकार ने त्वरित कार्रवाई करके यह साबित किया है कि वह पत्रकारों के साथ है। हालांकि, इस कानून को लागू करने की सटीक समय सीमा के सवाल पर उन्होंने जल्द से जल्द इसे प्रभावी बनाने का भरोसा दिलाया है।
पत्रकारों के हित और सुरक्षा के लिए इस कानून को लागू करने की मांग राज्यभर में बढ़ रही है। अब देखना यह होगा कि सरकार अपने वादे को कितनी जल्दी अमल में लाती है।

Murder :पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड: पुलिस ने सुलझाया मामला, तीन आरोपी गिरफ्तार, मुख्य आरोपी की तलाश जारी
Murder : बीजापुर: पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के मामले में पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। अब तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जिनमें रितेश चंद्राकर को रायपुर एयरपोर्ट से, जबकि महेन्द्र रामटेके और दिनेश चंद्राकर को बीजापुर से पकड़ा गया है।पुलिस के अनुसार, घटना का मुख्य आरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्राकर अब भी फरार है। उसकी गिरफ्तारी के लिए चार विशेष टीमें गठित कर संभावित ठिकानों पर घेराबंदी की जा रही है।
घटना का विवरणबस्तर रेंज के आईजी पी. सुंदरराज ने बताया कि 1 जनवरी की रात करीब 8:30 बजे पत्रकार मुकेश चंद्राकर लापता हो गए थे। उनके बड़े भाई युकेश चंद्राकर ने 2 जनवरी को बीजापुर कोतवाली में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।पुलिस ने मृतक की अंतिम लोकेशन के आधार पर 2 जनवरी को ही चट्टान पारा स्थित ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के बाड़े की तलाशी ली। 3 जनवरी को सुरेश चंद्राकर के बाड़े में स्थित एक सीमेंट से बंद किए गए सेप्टिक टैंक को खोला गया, जिसमें मुकेश चंद्राकर का शव मिला।हत्या की वजह और खुलासापूछताछ में पता चला कि रितेश चंद्राकर और मुकेश चंद्राकर रिश्तेदार थे।

1 जनवरी की रात दोनों के बीच पारिवारिक विवाद को लेकर बहस हुई। इसके बाद रितेश चंद्राकर ने सुपरवाइजर महेन्द्र रामटेके के साथ मिलकर मुकेश चंद्राकर पर लोहे की रॉड से हमला किया, जिससे उनकी मौत हो गई।हत्या के बाद शव को ठिकाने लगाने के लिए उसे सेप्टिक टैंक में डाल दिया गया और नए सिरे से सीमेंट फ्लोरिंग की गई।पुलिस की कार्रवाईपुलिस ने घटना में प्रयुक्त हथियार बरामद कर लिए हैं और तीनों आरोपियों से पूछताछ जारी है। फरार मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर की संपत्तियों और बैंक खातों की जांच की जा रही है। सुरेश के तीन बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया है।
अम्बिकापुर न्यूज: पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या पर सरगुजा के पत्रकारों द्वारा दी गई श्रद्धांजलि साथ ही हत्यारों को फांसी देने की मांग कर आक्रोश...
सरगुजा टाइम्स |अम्बिकापुर:- बस्तर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की निर्मम हत्या के बाद अम्बिकापुर के पत्रकारों में शोक और आक्रोश का माहौल है। जिले के पत्रकारों ने शनिवार को जयस्तंभ चौक में एकत्र होकर मोमबत्ती जलाकर श्रद्धांजलि अर्पित की और मुख्यमंत्री से हत्यारों को फांसी दिलाने की मांग की है। पत्रकारों ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की अपील की।
पत्रकार मुकेश चंद्राकर 1 जनवरी की रात से लापता थे। उनकी अचानक हुई गुमशुदगी के बाद परिजनों और पत्रकारों में चिंता थी। 3 जनवरी को उनका शव बीजापुर जिले में एक ठेकेदार के कैंपस स्थित सेप्टिक टैंक से बरामद हुआ। यह खबर सामने आते ही पत्रकारों में आक्रोश फैल गया। मुकेश चंद्राकर की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं।
सरगुजा में श्रद्धांजलि सभा, पत्रकारों ने जताया आक्रोश:
मुकेश चंद्राकर को श्रद्धांजलि देने के लिए शनिवार को सरगुजा जिला (अम्बिकापुर) के जयस्तंभ चौक में पत्रकारों ने एकत्र होकर मोमबत्तियां जलाकर श्रद्धांजलि दी। इस दौरान पत्रकारों ने एक स्वर में हत्यारों को फांसी देने और ठेकेदार पर भी कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। इस घटना ने प्रदेश के पत्रकारों को झकझोर कर रख दिया है। सरगुजा के पत्रकारों ने सरकार से मांग की कि पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कड़े कानून बनाए जाएं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

पत्रकारों व सामाजिक कार्यकर्ताओं का प्रतिक्रिया::::
श्रद्धांजलि सभा में जिले के पत्रकार विनीत मिश्रा,राजकुमार सिंह,आकाश जायसवाल,मनीषा सिन्हा,राजकुमार जायसवाल,विजय सोनी,अवधेश, यशवंत पैकरा,दीपक मानिकपुरी,आशिफ व सामाजिक कार्यकर्ता सुजान बिंद एवं अंकुर सिन्हा मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि “मुकेश चंद्राकर की हत्या लोकतंत्र पर हमला है। जो पत्रकार सच के लिए लड़ता है, अगर उसे इस तरह की सजा मिलेगी तो यह समाज और लोकतंत्र दोनों के लिए खतरनाक संकेत है। प्रशासन को अपराधियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई करनी चाहिए।
प्रदेशभर के पत्रकारों में रोष, न्याय की लड़ाई जारी रहेगी
मुकेश चंद्राकर की हत्या को लेकर सिर्फ सरगुजा ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश के पत्रकारों में आक्रोश है। अलग-अलग जिलों में पत्रकारों ने इस जघन्य हत्या की कड़ी निंदा की और सरकार से जल्द न्याय दिलाने की अपील की।

Murder Case : मुकेश चंद्राकर हत्याकांड को लेकर पत्रकारों में आक्रोश, आरोपियों को फांसी देने की मांग – MUKESH CHANDRAKAR MURDER CASE
धमतरी : बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की निर्मम हत्या से छत्तीसगढ़ के पत्रकारों में आक्रोश व्याप्त है. धमतरी के पत्रकारों ने भी इस हत्याकांड के खिलाफ आवाज बुलंद की.पत्रकारों ने एक स्वर में आरोपियों को फांसी देने की मांग की है. शनिवार को धमतरी के पत्रकार एसपी कार्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा.
फांसी देने की मांग : दरअसल बीजापुर में पत्रकार की हत्या के बाद छत्तीसगढ़ के पत्रकार जगत में आक्रोश है. धमतरी में पत्रकारों ने शनिवार को एक ज्ञापन मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नाम एसपी को सौंपा है. पत्रकारों का कहना है कि बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की निर्मम हत्या हो गई. हत्यारों को जल्द गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी सजा दिया जाए. साथ ही फांसी की सजा भी होनी चाहिए.
पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के मामले में आरोपियों को फांसी की सजा होनी चाहिए, उनके परिवार को एक करोड़ मुआवजा दिया जाए. इसी मांग को लेकर हमने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है- प्रेम मगेंद्र, पत्रकारसरकार से मांग है कि पत्रकार सुरक्षा कानून को कड़ाई से लागू किया जाए. साथ ही हत्यारों की संपत्ति जब्त कर सरकारी संपत्ति घोषित किया जाए. पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपए सहायता राशि और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए- राममिलन साहू, पत्रकार
आपको बता दें कि पत्रकार मुकेश चंद्राकर का शव शुक्रवार की शाम को ठेकेदार के बाड़े के सेप्टिक टैंक में मिला था. चर्चा है कि नक्सल इलाके में सड़क निर्माण में हुए भ्रष्टाचार की खबर बनाने के बाद उनकी हत्या की गई है. हत्या के बाद शव को सेप्टिक टैंक में छिपाकर प्लास्टर कर दिया गया था. इस घटना के बाद पत्रकारों सहित आमजनों में भारी आक्रोश है.
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