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Ujjain News: ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर से 17 जुलाई को निकलेगी महाकाल की दूसरी सवारी

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ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर से 17 जुलाई श्रावण के दूसरे सोमवार सोमवती अमावस्या के महासंयोग में भगवान महाकाल की दूसरी सवारी निकलेगी।

उज्जैन – ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर से 17 जुलाई श्रावण के दूसरे सोमवार सोमवती अमावस्या के महासंयोग में भगवान महाकाल की दूसरी सवारी निकलेगी। भक्तों को भगवान महाकाल के एक साथ दो रूपों के दर्शन होंगे। अवंतिकानाथ चांदी की पालकी में चंद्रमौलेश्वर और हाथी पर सवार होकर मनमहेश रूप में निकलेंगे। पुजारियों के अनुसार हमेशा नंदी की सवारी करने वाले शिव शंभु भगवान महाकाल उज्जैन के राजा होने के कारण पालकी व हाथी की सवारी करते हैं।

पं.महेश पुजारी ने बताया कि भगवान महाकाल लौकिक जगत में अवंतिका के राजा माने गए हैं, इसलिए ज्योतिर्लिंग की पूजन परंपरा में राजसी ठाठ नजर आते हैं। हिंदू धर्म के सभी त्योहार राजा के दरबार अर्थात मंदिर में सबसे पहले मनाए जाते हैं। दशहरे पर भगवान महाकाल दशहरा मैदान पर शमी वृक्ष का पूजन करने जाते हैं। राजा-महाराजा जब नगर भ्रमण के लिए निकलते हैं, तो पालकी अथवा हाथी पर सवार होकर निकलते हैं। यही परंपरा ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में आज भी जारी है। भगवान महाकाल चंद्रमौलेश्वर रूप में चांदी की पालकी और मनमहेश रूप में हाथी पर सवार होकर निकलते हैं। भगवान का हाथी दो पीढ़ियों से उनकी सेवा में हैं।

इंदौर रोड सुभाषनगर स्थित श्री शक्तिश्वर महादेव मंदिर के महंत ने हाथी पाला है, इसी पर भगवान महाकाल की सवारी में निकलती है। पहले रामू हाथी सवारी में निकलता था। बूढ़ा होने के बाद सन 2016 में रामू का निधन हो गया। उसके बाद श्यामू हाथी सवारी में सेवा दे रहा है। इस बार भी भगवान महाकाल श्यामू की सवारी करेंगे।

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