bhilai-bigbreking कर्मचारी संगठन खासे आक्रोशित हैं। स्थिति किसी दिन भी विस्फोटक हो सकती है। नवंबर महीने से कर्मचारियों में गुस्सा भर हुआ है।
Bhilai News: भिलाई निगम की आर्थिक स्थिति पूरी तरह डांवाडोल स्थिति में है। 950 अधिकारी कर्मचारी, 100 प्लेसमेंट के कर्मचारियों को दिसंबर महीने का वेतन तक नहीं मिल पाया है। पार्षदों को बीते तीन महीने से मानदेय नहीं मिला है। बिजली बिल तथा स्थापना व्यय भी हर महीने बढ़ता जा रहा है। कर्मचारी संगठन खासे आक्रोशित हैं। स्थिति किसी दिन भी विस्फोटक हो सकती है। नवंबर महीने से कर्मचारियों में गुस्सा भर हुआ है। चर्चा इस बात की भी हो रही है कि आखिर निगम की स्थिति 2015 के बाद तेजी से कैसे बिगड़ने लगी। निगम की माली हालत खराब करने के लिए जिम्मेदार कौन है। निगम भिलाई में संपत्तिकर, समेकित कर, नलकर, शिक्षा उपकर समेत 72 ऐसे मद हैं जिनसे सालाना करोड़ो रुपये की वसूली हो सकती है, पर निगम ने इस पर लगभग ध्यान देना ही बंद कर दिया है। सिर्फ संपत्तिकर, समेकित कर तथा जलकर वसूली पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है। अनुदान की मांग को लेकर पत्र लिखा जा रहा है।
निगम की हालत खराब होने की यह भी बड़ी वजह
भिलाई निगम तय लक्ष्य के हिसाब से वसूली नहीं कर पा रहा है। लक्ष्य का 60 प्रतिशत ही पूरा हो पाता है।-भिलाई निगम ने 2015 में टैक्स 50 प्रतिशत कम करने की घोषणा की थी। इसका भी खामियाजा निगम को भुगतना पड़ा, हालांकि बाद में कर्मचारियों के आक्रोश के बाद 20 प्रतिशत बढ़ा दिया गया। फिर भी 30 प्रतिशत टैक्स कम ही लिया जा रहा है।
तमाम नोटिस के बाद भी बड़े बकायादार द्वारा टैक्स जमा नहीं किया जा रहा है।-अनाप-शनाप खर्च भी निगम को भारी पड़ रहा है। जनप्रतिनिधियों से लेकर अफसरों यहां तक की कई पार्षदों के घर में गार्ड लगे हुए हैं।