सरगुजा टाइम्स ( रायपुर )। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने भारत के नियंत्रक व महालेखापरीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट आने के बाद राज्य की कांग्रेस सरकार पर हमला किया है। उन्होंने शनिवार को पत्रकार वार्ता कर कहा कि केंद्र की सरकार ने कोविड महामारी के दौरान गरीब परिवारों के लिए जो निश्शुल्क राशन भेजा था वह उन तक पहुंचा ही नहीं।
उन्होंने आरोप लगाया कि कठिन समय में भी इस भ्रष्ट सरकार ने करीब 5,000 करोड़ के चावल में सेंध लगाकर भ्रष्टाचार किया है। सीएजी की रिपोर्ट के अनुसार एनएफएसए प्राथमिकता परिवार (पीएचएच) केवल एक व्यक्ति वाले राशन कार्ड धारक को 10 किलोग्राम, दो व्यक्ति वाले राशन कार्ड धारक को 20 किलोग्राम, तीन से पांच व्यक्ति वाले राशन कार्ड धारक को 35 किलोग्राम और पांच से अधिक व्यक्ति वाले को सात किलोग्राम प्रति व्यक्ति प्रति माह चावल दिया जा रहा था।
एनएफएसए-पीएचएच राशन कार्ड धारक को अतिरिक्त चावल का लाभ नहीं मिला और तीन से अधिक सदस्यों वाले राशन कार्ड धारक को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण (अन्न) योजना के तहत परिकल्पित पांच किलोग्राम प्रति व्यक्ति के स्थान पर तीन किलोग्राम प्रति व्यक्ति के दर से अतिरिक्त चावल प्राप्त हुआ। जिससे राज्य में कुल 31.05 लाख एनएसएफए-पीएचएच (1 से 3 सदस्यों वाले राशन कार्ड धारक) हितग्राहियों को उतनी ही मात्रा में चावल प्रदान किया गया जितना कि उन्हें प्रधानमंत्री गरीब कल्याण (अन्न) योजना के क्रियान्वयन से पहले प्राप्त हो रहा था।

चना का भी वितरण नहीं:
रमन ने कहा कि कैग की रिपोर्ट में यह भी लिखा है कि 2.54 लाख परिवार को 17,803 क्विंटल चना का वितरण नहीं किया गया था। विभाग के द्वारा 80 प्रतिशत उचित मूल्य दुकानों में मासिक निरीक्षण नहीं किया गया और निरीक्षण पंजी का संधारण भी नहीं किया गया।