SURGUJA TIMES – Laborers rescued: महाराष्ट्र से अंबिकापुर लौटने के बाद चेहरे पर दिखा सुकून, मजदूरों ने वापस लाने के लिए प्रशासन का जतायाआभार, ठेकेदार द्वारा मोबाइल छीनकर रख लिया गया था, 6 मजदूरों के साथ की गई थी मारपीट

अंबिकापुर. Laborers Rescued: सरगुजा जिले के सीतापुर व लुंड्रा क्षेत्र से 19 मजदूरों का सौदा एक व्यक्ति द्वारा महाराष्ट्र के बीड़ जिले में कर दिया गया था। मजदूरों को मजदूरी के बदले अच्छा पैसा दिलाने का लालच दिया गया था। महाराष्ट्र में ठेकेदार द्वारा सभी मजदूरों के मोबाइल छीन लिए गए थे तथा उन्हें बंधक बना लिया गया था। इस मामले में मजदूरों के परिजनों ने प्रशासन से उन्हें मुक्त कराने की गुहार लगाई गई थी। मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए कलक्टर ने एक टीम गठित कर महाराष्ट्र भेजा। टीम द्वारा वहां बंधक बनाकर रखे गए जिले के 19 श्रमिकों को मुक्त कराया गया। गुरुवार को उन्हें अंबिकापुर लाया गया। सकुशल वापसी पर श्रमिकों चेहरे खिल उठे। घर वापसी कराने पर उन्होंने जिला प्रशासन को धन्यवाद दिया।
गौरतलब है कि सरगुजा के सीतापुर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत नकना के 13 मजदूर और लुंड्रा थाना क्षेत्र के बरगीडीह के 6 मजदूरों को काम दिलाने के बहाने महाराष्ट्र में बंधक बनाया गया था। गन्ना काटने और ज्यादा मजदूरी राशि दिलाने का लालच देकर 19 श्रमिकों को महाराष्ट्र ले जाने के पीछे सरगुजा के ही लुंड्रा थाना क्षेत्र के बरगीडीह निवासी पुष्पनंद गिरी का नाम सामने आया था।
वह सरगुजा क्षेत्र के भोले-भाले युवकों को मजदूरी दिलाने के नाम पर महाराष्ट्र के बीड़ ले गया, फिर यहां उनका सौदा कर राशि लेकर फरार हो गया। इससे 19 मजदूर डर के साए में पिछले एक महीने से कार्य करने को विवश थे।
उन्हें छुड़वाने पीडि़त मजदूर के परिजनों ने प्रशासन से आग्रह किया था। परिजनों ने बताया था कि महाराष्ट्र में ठेकेदार द्वारा उनकी मोबाइल छीन ली गई है तथा 6 श्रमिकों के साथ मारपीट भी की गई है।
महाराष्ट्र से छुड़ाकर लाए गए श्रमिक
कलेक्टर कुंदन कुमार को श्रमिकों के परिजनों के माध्यम से सूचना मिली कि महाराष्ट्र के बीड़ जिले में 19 श्रमिकों को बंधक बनाकर रखा गया है जिस पर कलेक्टर ने त्वरित कार्यवाही करते श्रमिकों की रेस्क्यू के लिए नायब तहसीलदार कोमल साहू के नेतृत्व में टीम गठित कर महाराष्ट्र भेजा।
महाराष्ट्र में ये श्रमिक विभिन्न संस्थानों में श्रमिक का कार्य कर रहे थे। अम्बिकापुर की टीम 26 दिसंबर को रवाना होकर 27 दिसंबर को बीड़ महाराष्ट्र पहुंची। टीम ने महाराष्ट्र के बीड़ जिले के जिला प्रशासन से समन्वय स्थापित कर दबिश दी। इसके पश्चात श्रमिकों को बंधनमुक्त कराया गया।
उपरोक्त सभी श्रमिकों को अवमुक्त कराकर 29 दिसंबर को दोपहर 12 बजे सकुशल अम्बिकापुर लाया गया। अंबिकापुर आकर सभी मजदूरों के चेहरे पर मुस्कान लौट आई। रेस्क्यू टीम में श्रम निरीक्षक केके प्रजापति, एएसआई बालमुकुंद, आरक्षक रामकुमार व सूरज राठिया शामिल थे।