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कृषि मंत्री और सरगुजा सांसद ने दीं श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं क्षेत्र के,लोगों की सुख समृद्धि की कामना की

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बलरामपुर जिले  के रामानुजगंज में सूर्य उपासना के महापर्व छठ की धूमधाम देखने को मिल रही है। जिले के कन्हर नदी तट पर श्रद्धालु परंपरागत रीति-रिवाजों के अनुसार एकत्रित होकर डूबते सूर्य को अर्घ्य दे रहे हैं। इस पावन अवसर पर प्रदेश के कृषि मंत्री रामविचार नेताम और सरगुजा सांसद चिंतामणी महराज ने भी पहुंचकर छठ व्रतियों और श्रद्धालुओं का अभिनंदन किया और उन्हें पर्व की शुभकामनाएं दीं।

कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने छठ पर्व के महत्व और इसकी उत्पत्ति पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि छठ पूजा की शुरुआत बिहार से हुई थी, लेकिन समय के साथ यह पर्व झारखंड, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे अन्य राज्यों में भी लोकप्रिय हो गया है। मंत्री ने छठ को आस्था और एकता का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह पर्व समाज में भाईचारे और शांति का संदेश फैलाता है। उन्होंने श्रद्धालुओं को छठ पर्व की शुभकामनाएं देते हुए उनके लिए सुख-समृद्धि की कामना की।

सरगुजा सांसद चिंतामणी महराज ने भी इस अवसर पर छठ पर्व की महत्ता पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने बताया कि सूर्य उपासना का यह पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि समाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी विशेष महत्व रखता है। छठ पर्व का व्रत अत्यंत कठिन होता है, जिसमें व्रती निर्जला उपवास रखते हैं और विशेष नियमों का पालन करते हैं। उन्होंने रामानुजगंज की कन्हर नदी की भी चर्चा की, जो कि उत्तरमुखी बहती  है और इसे गंगा के समान पवित्र माना जाता है। उन्होंने कहा कि इस स्थान पर सूर्य को अर्घ्य देने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है, जो श्रद्धालुओं की मनोकामनाओं की पूर्ति में सहायक होता है।

छठ पर्व को आस्था और शक्ति का पर्व माना जाता है। इसमें व्रती अपने परिवार और समाज की खुशहाली की कामना के साथ सूर्य देवता की आराधना करते हैं। यह पर्व न केवल धार्मिक उत्सव है बल्कि सामाजिक एकता और सामुदायिक सद्भाव का भी प्रतीक है। इस अवसर पर समाज के सभी वर्गों के लोग मिलकर पर्व को धूमधाम से मनाते हैं। बलरामपुर जिले रामानुजगंज के कन्हर नदी तट पर श्रद्धालुओं का हुजूम इस एकता और सामूहिकता का उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है, जिसमें लोग परिवार समेत सूर्य को अर्घ्य देकर अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।

रामानुजगंज में छठ पर्व की भव्यता कन्हर नदी तट पर देखने को मिल रही है। प्रदेश के कृषि मंत्री और सरगुजा सांसद की उपस्थिति ने इस आयोजन की गरिमा और भी बढ़ा दी है। दोनों नेताओं ने छठ व्रत के प्रति श्रद्धालुओं की आस्था और समर्पण की सराहना करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दीं। छठ पर्व की यह परंपरा सामाजिक समरसता, सांस्कृतिक धरोहर और आस्था का अद्वितीय उदाहरण है, जो समाज में एकता और प्रेम का संदेश फैलाती है।

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